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शिक्षा में डिजिटल परिवर्तन की नई इबारत, समग्र शिक्षा निदेशालय में अत्याधुनिक अवसंरचना का लोकार्पण

➤ समग्र शिक्षा निदेशालय में विद्या समीक्षा केंद्र व आधुनिक सुविधाओं का लोकार्पण
➤ शिक्षा गुणवत्ता में बड़ा सुधार, राष्ट्रीय रैंकिंग में हिमाचल पांचवें स्थान पर
➤ 21वीं सदी के कौशल विकसित करने पर सरकार का विशेष फोकस


शिमला में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज समग्र शिक्षा निदेशालय में नव-निर्मित विद्या समीक्षा केंद्र, शिक्षा दीर्घा, कार्यक्रम प्रबंधन स्टूडियो व सम्मेलन क्षेत्र, नए सम्मेलन कक्ष और आधुनिक केंद्रीय ताप व्यवस्था का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुविधाएं प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्य प्रणाली को अधिक सुदृढ़ बनाएंगी और प्रदेश में डिजिटल शिक्षा प्रबंधन के नए युग की शुरुआत करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन वर्षों में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार ने कई निर्णायक सुधार किए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा गुणवत्ता आकलन में हिमाचल प्रदेश ने 21वें स्थान से छलांग लगाकर पांचवां स्थान हासिल किया है, जो शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और सरकार की साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से शिक्षण, मूल्यांकन, उपस्थिति, संसाधन प्रबंधन और विद्यालय संचालन से जुड़ा वास्तविक समय का डेटा उपलब्ध होगा। अभ्यास हिमाचल, भू-स्थानिक तकनीक आधारित स्मार्ट उपस्थिति प्रणाली और निपुण प्रगति जैसे नवाचारों से विद्यार्थियों की सीखने की कमियों की पहचान अब ठोस आंकड़ों के आधार पर की जा रही है। इससे शिक्षा व्यवस्था अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और परिणाम-केंद्रित बन रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षक सहायक डिजिटल प्लेटफॉर्म शिक्षकों के लिए एक प्रभावी साधन बनकर उभरा है, जिससे शिक्षण सामग्री और दिशा-निर्देश तुरंत उपलब्ध हो रहे हैं और प्रशासनिक बोझ में कमी आई है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य केवल नए संस्थान खोलना नहीं, बल्कि मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों को आधुनिक और सक्षम बनाना है, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों तक समान रूप से पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आगामी शैक्षणिक सत्र से प्री-नर्सरी से 12वीं कक्षा तक स्कूल परिसर में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध रहेगा। शिक्षक अपने मोबाइल फोन स्टाफ रूम या बैग में रख सकेंगे।

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में व्यापक भर्तियां की जाएंगी, जिनमें अस्थायी और स्थायी दोनों तरह की नियुक्तियां होंगी। साथ ही मल्टी यूटिलिटी वर्कर्ज की भर्ती भी की जाएगी। आगामी सत्र से प्राथमिक विद्यालयों की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी और 2032 तक हर विधानसभा क्षेत्र में देश के बेहतरीन स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस अवसर पर संकल्प वर्कबुक का विमोचन भी किया गया।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश ने शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और साक्षरता दर 99.30 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। क्लस्टर स्कूल प्रणाली के माध्यम से संसाधनों के साझा उपयोग से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिला है। मेधावी छात्रों के लिए जेईई और नीट की मुफ्त कोचिंग को उन्होंने ऐतिहासिक पहल बताया।

परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा ने कहा कि शिक्षकों को आईआईटी और आईआईएम में प्रशिक्षण दिया जा रहा है और आधुनिक तकनीक से शिक्षण कौशल को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यूनेस्को के साथ हिमाचल प्रदेश फ्यूचर्स प्रोग्राम के तहत भविष्य उन्मुख शिक्षा प्रणाली के निर्माण की दिशा में महत्त्वपूर्ण समझौता किया गया है।

कार्यक्रम में विधायक सुरेश कुमार, सुदर्शन बबलू, निदेशक शिक्षा आशीष कोहली, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।